
क्यों ज़रूरी है दोस्ती -कम्प्यूटर विशेषांक (मित्रता दिवस पर खास पेशकश)

‘शकुंतला-देवी’ से सीखिए अपने सपनो को महत्त्व देना

उधारी की बीमारी
कल से कल तक के सफर में आप सभी का स्वागत है। इस कठिन लेकिन आज के समय में नितांत रूप से आवश्यक इस यात्रा पर आने के लिए आपको बहुत बहुत बधाई हो क्योकि न केवल आप उन गिने चुने लोगो में से है, जिन्हे ये पता है की जीवन में कुछ तो कमी है, बल्कि आप वो साहसी लोग है जो उन कमियों को ढूढ़ कर उनका विनाश कर जीवन में परिवर्तन की बहार लाने में भी विश्वास रखते है।
आप जैसे लोगो को ध्यान में रख कर ही ये ‘ज्योर्तिस्तम्भ’ ने यह ब्लॉग- ‘कल से कल तक का सफरनामा’ प्रारम्भ किया है जिसके द्वारा आपको कल यानि अतीत में घटी घटनाओ को पृष्ठ्भूमि मानकर वर्तमान में करे जाने वाली कुछ ऐसी युक्तियाँ सुझाई जाएगी जिससे आने वाला कल यानि भविष्य अपने आप ही सुधर जायेगा। अपनी बातों की सफलता का यकीन कराने के लिए और आपके मन में विश्वास की नीव रखने के लिए आपके समक्ष कुछ सच्ची घटनाओ को भी प्रस्तुत करने का पूर्ण प्रयास रहेगा।
शुरुआत में हम युवा पीढ़ी से जुड़ी गलतियों, उनके आगामी जीवन में प्रभावों और उनसे निपटने की वर्तमान में अपनाई जा सकने वाली युक्तियों का जिक्र करेंगे क्योकि अगर युवा सही मार्ग पर चलने लगे तो देश अपने आप सही मार्ग पर आ जायेगा। बाकि हमारे पास हर उम्र के पाठक के लिए प्रचुर सामग्री है जो समय के साथ ब्लॉग पर प्रस्तुत हो जाएगी।
धैर्य बनाए रखे और यात्रा का लुत्फ़ उठाये।