क्यों ज़रूरी है दोस्ती -कम्प्यूटर विशेषांक (मित्रता दिवस पर खास पेशकश)

इंसान को बनाते वक़्त भगवान ने अपने कंप्यूटर में एक छोटा सा प्रोग्राम बनाया जिसके अनुसार उस इंसान का सारा जीवन चलना था, जैसे – जन्म, परिवार, रिश्तेदार, काम काज आदि। अब प्रोग्राम बन के तैयार हो गया तो भगवान ने उसकी .exe फाइल बनाई और रन कर दी। (यहाँ हम मान रहे यही की भगवान भी बिल गेट्स की कंपनी माइक्रोसॉफ्ट द्वारा बना ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज -10 चला रहे और उसी में सब प्रोग्राम चलते है। )

Friendship Day card Made by my Wife (Front View)

कुछ समय तक तो प्रोग्राम बढ़िया चला। फिर समय बदला और भगवान को सिस्टम अपडेट का नोटिफिकेशन आ गया। भगवान भी चांस लेना नहीं चाहते थे तो झट से अपडेट कर डाला। फिर शुरू हुई असली दिक्कत। प्रोग्राम क्रैश होना शुरू हो गए। भगवान परेशान की अब ये क्या मुसीबत आ गयी। तो बिना समय बर्बाद किये भगवान ने एनवायरनमेंट टीम (वो लोग जो कंप्यूटर को चुस्त दुरुस्त बनाये रखने में सहायता करते है ) को सूचित किया। ध्यान से देखने पर पता लगा की ये एक आम समस्या है जो हर 5-7 साल में आती ही है क्योकि संसार में 5-7 साल में लोगो की लाइफस्टाइल में बहुत बड़ा बदलाव आ जाता है और ये समय कलयुग में और भी कम हो गया है। ऐसे में भगवान ने जो भी प्रोग्राम बनाया उसमे कुछ कमियाँ सिस्टम पकड़ लेता है और प्रोग्राम क्रैश ( मनुष्य उदासीन या हतोत्साही ) हो जाता है। ऐसी समस्या को दूर करने के लिए प्रोग्राम में समय समय पर कुछ patches ( एक सहायक प्रोग्राम जो मूल प्रोग्राम के साथ ऐसे जुड़ जाता है जैसे हमेशा से वो उसका हिस्सा रहा हो और प्रोग्राम की कमियों को दूर करने में सहायता करता है।) डालते रहने होंगा। भगवान ने ऐसा ही किया और उन्होंने इस खास सहायक प्रोग्राम को संज्ञा दी –‘दोस्त /मित्र /सखा /यार आदि।

Friendship Day card Made by My Wife (Inside View)

उन्होंने समस्या की गंभीरता को समझते हुए devops टीम ( एक ऐसी टीम जो वेबसाइट/एप्लीकेशन में समय के साथ किये जा सकने वाले बदलावों का विशेष ध्यान रखती है और उन बदलावों को execution पाइपलाइन में लगा कर आटोमेटिक तरीके से समय के साथ साथ क्रियान्वित करती रहती है ) से संपर्क किया और हर 5-7 साल में हर इंसान के जीवन में ऐसे दोस्तों को भेजने की व्यवस्था कर दी। और देखिये आज इन patches यानि की दोस्तों की वजह से हमारा जीवन कितना आसान और मनोरंजक हो गया है वरना क्या काट पाते ये जीवन ऐसे।

ऐसे मेरे डिप्लॉय हो चुके या होने वाले सारे patches (दोस्तों) को मैं मित्र दिवस की बहुत बहुत बधाई देता हूँ । ऐसे ही तुम सब मेरे साथ जीवन भर बने रहो और जीवन को खुशनुमा बनाते रहो।

आपका दोस्त,
विवेक।

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