शनि स्तुति

शनि स्तुति
हे कोणस्थ, हे शनि देवा, हे रवि पुत्र: नमो नमः।
हे प्रभु मंद: हे प्रभु सौरी, हे यम फंद: नमो नमः।।
हे न्यायाधिप, हे कालाधिप, हे देवाधिप नमो नमः।
हे नीलांजन, हे समभासम, हे रविपुत्रम नमो नमः।।
हे प्रलयंकर, महा भयंकर, हे अभ्यंकर नमो नम:।
हे भयकारी, हे भयहारी, हे शुभकारी नमो नमः।।
हे अखिलेश्वर, हे सर्वेश्वर, हे राजेश्वर नमो नमः।
हे संहारी, विप्लवकारी, हे प्रभु विभ्रु नमो नमः।।
दीर्घ देही, परम स्नेही, हे प्रभु सौरी नमो नमः।
मंदाचारा, परम उदारा, करुणागारा नमो नमः।।
छाया मार्तंड, हे संभूतम, प्रशांतात्मा नमो नमः।
हे यम भ्राता, हे दु:ख त्राता, हे सुखदाता नमो नमः।।
विस्मयकारी, न्यायाधिकारी,हे क्रांतिकारी नमो नमः।।
हे शिवरंगी, हनुमत संगी, हे रणरंगी नमो नमः।।
कृष्णावर्णी, मंद: चरणी, कौतुक कर्णी नमो नमः।
शिव आराधक, कृष्णोपासक,हे अघनाशक नमो नमः।।
‘ज्योति’ष स्वामी, सायं नमामि, हे जग स्वामी नमो नमः।
हे शिवप्रेमी, हनुमत प्रेमी, हे यम नेमी, नमो नमः।।
उत्क्रष्ट रचना की है।