साईं बाबा

साईं बाबा तुम हो मेरे।
काटो संकट छाये घनेरे।।
दिन और रात जगाऊं बाती।
महिमा तेरी मन को भाती।
आओ आओ साईं बाबा।
दर्शन होंगे कब मोहि तेरे।।
मैं तो चलकर शिर्डी आया।
जन्म जन्म का तेरा बुलाया।
केहि विधि होवे पूजा तेरी।
केहि बिधि होंगे दर्शन तेरे।।
राम रहीम तुम हो दाता।
तेरी शरणी जो कोई आता।
मन की मुरादें करते पूरी।
सदा ही लगते दर पर डेरे।।
दूर-दूर से हैं चलकर आते।
चरण में तेरे शीश नवाते।
सजिदा करके तेरा गुण गाते।
मेले हैं लगते द्वारे तेरे।।
तेरी है रहमत सबने पाई।
नेक बने अब मेरी कमाई।
हरदम गूंजे द्वारिका माई।
सदा हैं लगते जयकारे तेरे।।
हे शिरडी वाले साईं राजा।
देर हुई है अब तो आजा।
जल्दी आओ न देर लगाओ।
दुखड़े हर लो सारे मेरे।।
तुम हो स्वामी अंतर्यामी।
दूर करो सब मन की खामी।
करके कृपा कष्ट मिटा दो।
हर जन आया शरणी तेरे।।
‘ज्योति’ जला लो पूजा कर लो।
खाली झोली खुशी से भर लो।
जो भी आए खाली न जाए
झोलियां भरते साईं मेरे।।
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