होली
होली में ऐसो रंग डालो, अबकि मेरे यार।
रंग प्रेम को कबहुं उतरे, ऐ मेरे भरतार।।
ऐसो रंगियो रंग न उतरे,
तन-मन सब रंग जाए।
चाहे कितना जतन करे कोई,
रंग उतर न पाए।
पल-पल आवे याद तुम्हारी,
मुझको बारंबार।।
बर्छी तिरछे नयनों वाली,
हरदम सीने बीच धंसी हो।
मन को घायल करने वाली,
चितवन नैनन बीच बसी हो।
सतरंगी चूनर पे झलकें,
मणियां अपरंपार।।
चूनर तेरे प्यार की पाकर,
मनवा मेरा खिल-खिल जाए।
रंगों की.बौछार निराली,
तन-मन दोनों हिल-मिल जाएं।
अबकी बिल्कुल रंच न करियो,
भूले से तकरार।।
मनमोहक है छवि तुम्हारी,
सुध-बुध मन की हरने वाली।
खींच रही हरदम मन मेरा,
होठों की सुंदर ये लाली।
कत्ल करेगी निश्चित मेरा,
पायल की झंकार।।
पल-पल पाऊं प्यार तुम्हारा,
समय की चाकी चलती जाए।
जले प्रेम की अप्रतिम ‘ज्योति’,
जीवन से सब गम मिट जाए।
नयनों में छवि तेरी बसी हो,
अनुपम मेरे यार।।