नीलकंठ
नीलकंठ को देखकर
बालक ने
फ्लाइंग किस की
और कहा –
हे नीलकंठ !
तुम नीले रहना
जाकर के भगवान से कहना
और हां यदि सोते हों
तो जगा कर कहना
कि मुझे हर साल पास करा दें
परीक्षा में अच्छे नंबर दिलवा दें।
नीलकंठ पंख फैला
चला गगन की ओर
उधर बाल ने कदम बढ़ाए
ले आशा की डोर।