भारत के सैनिक

जो आग लगा सकते हैं पर, फिर भी मुस्काए जाते हैं।

यह भारत के सैनिक हैं जो निज धर्म निभाएं जाते हैं।।

उनसे भी भेद नहीं माना, उनको है सदा अपना जाना।

जो संगीनों के साए में, आतंक मचाए जाते हैं।।  

जो शान तिरंगा फूँक रहे और मानवता पर थूक रहे। 

जो फैंक रहे पत्थर उन पर, उन्हें गले लगाए जाते हैं।।

कश्मीर हमारा ताज रहे, हमें भारत मां पर नाज रहे।।  

दे दे अपने बलिदानों को, निज देश बचाए जाते हैं।। 

जिन्होंने नहीं अपना माना, हर पल ही सदा गैर जाना। 

उन डूब रहे कश्मीरियों को, काँधे पर उठाए लाते हैं।। 

जो आतंकी शिवरों में जा, हरदम ही रहे आतंक मचा। 

जो भटक गए हैं राहों से, उन्हें राह दिखाए जाते हैं।। 

जल,थल हो सागर का कोना,कैसा जगना कैसा सोना।

यह हिंद सदा आबाद रहे, आवाज लगाए जाते हैं।। 

गोरखा,मराठा,जाट,सिख, रजपूत सभी रहे एक दिख। 

जाति धर्म के बंधन तज, सब भेद मिटाए जाते हैं।। 

किस भाँति चुकेगा उनका ऋण,जो जीवन को समझे हैं त्रण।

खा खा सीने पर गोली को, सुख चैन दिलाए जाते हैं।।

भारत माता आजाद आजाद रहे, पूरी दिल की फरियाद रहे।

भावी पीढ़ी में खुशियों की,नव ‘ज्योति’जलाए जाते हैं।।

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