प्यार

मैंने तुमसे प्यार किया है, इसमें मेरी खता नहीं।पर कितना प्यार किया है तुमसे, इसका मुझको पता नहीं।। हर पल ही घूमा करता था, गात तेरा चूमा करता था।किसने लगन लगाई इतनी, इसका मुझको पता नहीं।। दरिया सागर छोटे पड़ गए, सारे अगन बुझाने में।किसने ऐसी अगन लगाई, इसका मुझको … Read More

संदोह

अल्पता से स्वल्पता तक आ गया हूं।अल्पना से कल्पना तन छा गया हूं।अब बीतते हैं रात दिन सब रीते रीते।हर सांस में कुछ तरह समा गया हूं।। झाड़ियों को पा मिला सुकून मुझको।नागफनियों ने डसा था खूब मुझको। हैअब नहीं शिकायत मुझे किसी बात की है।रक्त से अपनों ने नहलाया … Read More

होली

होली में ऐसो रंग डालो, अबकि मेरे यार।रंग प्रेम को कबहुं उतरे, ऐ मेरे भरतार।। ऐसो रंगियो रंग न उतरे,तन-मन सब रंग जाए।चाहे कितना जतन करे कोई,रंग उतर न पाए।पल-पल आवे याद तुम्हारी,मुझको बारंबार।। बर्छी तिरछे नयनों वाली,हरदम सीने बीच धंसी हो।मन को घायल करने वाली,चितवन नैनन बीच बसी हो।सतरंगी … Read More

सच्चा दोस्त

जो एक मीठा दर्द और ख़ुशी का एहसास हो जो हरदम कभी दूर तो कभी पास हो जिसकी याद में मन कभी खुश तो कभी उदास हो वही तो होता है जीवन में सच्चा मित्र सच्चा दोस्त जो दूर रहकर भी सदा पास हो जो हरदम एक अजब सा मीठा … Read More

जिन्दगी और मौत

कितनी अजीब है ये जिन्दगीजो कि हर पलमौत के साथआंख मिंचौली खेलती रहती है।कितनी मासूम है ये पगलीजिसे ये भी नहीं पताकि वोकभी किसी की सगी नहीं हुई।उसने हमेशा ही सबको छला हैइस परकब जोर किसका चला है।और ये बेवकूफउसको अपना सगा मानती है।उसके बगैरएक पग भी चलना नहीं जानती … Read More

चार दिन की ज़िंदगानी

जब जिंदगानी चार दिन की रह गई।किस लिए अब फासले मिटाते हो।।रहने दो दीवार अब यूं ही खड़ी।किस लिए इसे आप अब गिराते हो।।एक ये ही तो बनी पहचान है।प्यार की अविरल हमारे आपके।।रहने दो इसको खड़ी हूं ही सदा।किसलिए बेवक्त ही गिराते हो।।इस पे हैं दोनों तरफ लिक्खी गई।प्यार … Read More

भारत के सैनिक

जो आग लगा सकते हैं पर, फिर भी मुस्काए जाते हैं। यह भारत के सैनिक हैं जो निज धर्म निभाएं जाते हैं।। उनसे भी भेद नहीं माना, उनको है सदा अपना जाना। जो संगीनों के साए में, आतंक मचाए जाते हैं।।   जो शान तिरंगा फूँक रहे और मानवता पर थूक … Read More

चौबारी के बन्दर

‘अनाम रिश्तों की कोख’– मानस सरोवर कहानी संग्रह – भाग 1 (Hindi Edition) रामगंगा की तलहटी में बसे चौबारी ग्राम जिसका कि मूल नाम चारद्वारी था, जो कि लगभग आज से तीन सौ वर्ष पूर्व वहाँ के मुखिया एवं शासक रहे कुँवर राघवेन्द्र प्रताप सिंह के आलीशान हवेली नुभा राजमहल … Read More

हथनी की हाय

केरल के ग्रामीण इलाके में हाथियों के झुंडों का आना-जाना एक आम बात थी। आए दिन वे टोलियों के रूप में यहां से वहां भ्रमण करते रहते। हर एक झुंड की खासियत ये थी कि वह अपने परिवार के मुखिया के इशारे पर चलता और एक-एक संकेत का पूर्णत: पालन … Read More

शनि स्तुति

शनि स्तुति हे कोणस्थ, हे शनि देवा, हे रवि पुत्र: नमो नमः। हे प्रभु मंद: हे प्रभु सौरी, हे यम फंद: नमो नमः।।  हे न्यायाधिप, हे कालाधिप, हे देवाधिप नमो नमः।  हे नीलांजन, हे समभासम, हे रविपुत्रम नमो नमः।।  हे प्रलयंकर, महा भयंकर, हे अभ्यंकर नमो नम:।  हे भयकारी, हे … Read More

साईं बाबा

साईं बाबा तुम हो मेरे।काटो संकट छाये घनेरे।।दिन और रात जगाऊं बाती।महिमा तेरी मन को भाती।आओ आओ साईं बाबा।दर्शन होंगे कब मोहि तेरे।।मैं तो चलकर शिर्डी आया।जन्म जन्म का तेरा बुलाया।केहि विधि होवे पूजा तेरी।केहि बिधि होंगे दर्शन तेरे।।राम रहीम तुम हो दाता।तेरी शरणी जो कोई आता।मन की मुरादें करते … Read More

अंजनी लाला

हे अंजनी के लाला तुम सा ना कोई प्रतिपाला।हे भक्तों के रक्षक प्रभु, तुम सा न कोई रखवाला।।संजीवन बूटी लाए, लक्ष्मण जी हैं जिलाए।ले आए खुद गरुड़ को,जब नागपाश डाला।।सोने की सारी लंका, पल भर में जला डाली।प्रभु का बजा के डंका, खुद काल खोल डाला।। कुंभकरण घबराया, रावण तक … Read More

पं राधेश्याम कथावाचक स्मृति समारोह

उत्तर भारत की महान विभूति पंडित राधेश्याम कथावाचक जी की 125 वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर उनके अभिनंदन में स्मृति पत्र लिखा तथा बरेली के तत्कालीन डीएम श्री वीरेंद्र कुमार जी द्वारा विशेष प्रयास किए जिसके परिणाम स्वरूप पंडित राधेश्याम कथावाचक जी की स्मृति के उपलक्ष में अनेक दिवसीय … Read More

वीर अभिमन्यु नाटक

भारतीय पौराणिक साहित्य इंडियन एपिक्स रामायण और महाभारत पर अमेरिका से रिसर्च करने के लिए पधारीं अमेरिकन यूनिवर्सिटी की हिन्दी विभाग की प्रोफेसर डॉ पामेला जी द्वारा बरेली के आईएमए हॉल में वीर अभिमन्यु नाटक की प्रस्तुति की गई जिसका निर्देशन डॉ अनिल मिश्रा द्वारा किया गया इस नाटक में … Read More

कड़वा नीम

किसने सोचा कभी नीम, बन जाऊँ मैं। सब गुलाबों की ख्वाहिश ही करते रहे।। कौन कहता यहाँ, सच को, सच अब कहाँ। सब.झूठी सिफारिश ही करते रहे।। अपना पन कैसे ढूँढें, अब अपनों में हम।                                हर दिल में छिपा है, फकत बस है ग़म।     है समन्दर ही खारा, बसा दिल … Read More

वैराग्य वाणी

वैराग्य वाणीराम नाम का जगत में, है अनुपम प्रताप।जाके बल ते मिटत हैं, पाप, ताप, संताप।।निर्गुण की महिमा अमित, सगुण रूप भयो आप।भगतन हित खुद देह धर, जग से मिटावें पाप।। जो जाणै सो पाव है, प्रभु की कृपा अपार। सारे जगत का है वही, एक मूल आधार।।जो आए सो जाएंगे, कौन … Read More

श्री राम गंगा तट पर कलश विसर्जन

विविध आयोजनों के उपरांत कलश विसर्जन की प्रक्रिया के अंतर्गत राम गंगा के पावन तट पर कलश विसर्जन की परंपरा का निर्वाह करते हुए सर्व श्री तीर्थ राम शर्मा, गौरी दत्त त्रिपाठी, शैलेंद्र शुक्ला, राजेंद्र मिश्रा, धूम सिंह, बृजलाल मेंदीरत्ता, वी. के. गुप्ता, विश्वनाथ रावत, शकुंतला शर्मा, किशन लाल अरोड़ा, … Read More

पुरस्कार वितरण एवं कलाकार सम्मिलन समारोह

समय-समय पर संस्था के वार्षिक कार्यक्रम के अवसर पर पुरस्कार वितरण समारोह एवं कलाकार सम्मेलन समारोह का आयोजन किया जाता रहा है उन सभी में मंच संचालन काव्य पाठ एवं पुरस्कार वितरण की प्रक्रिया में निरंतर सहभागिता बनी रही।

माता की चौकी, अखण्ड रामायण पाठ, सत्यनारायण कथा व जागरण

​श्री हरे राम नव दुर्गा मंदिर अवधपुरी सुभाष नगर बरेली के पवित्र प्रांगण में विभिन्न अवसरों पर माता की चौकी का आयोजन किया गया तथा होलिकोत्व का आयोजन हुआ इसके अतिरिक्त महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रदोष पूजन, बाबा बालक नाथ जी की चौकी व कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की … Read More

विराट भक्ति सम्मेलन

सन 2000 में अंतर्राष्ट्रीय संत कामा के कन्हैया कहे जाने वाले श्री श्री 1008 हरि चैतन्य पुरी जी महाराज के सानिध्य में विराट भक्ति सम्मेलन का आयोजन सुभाष नगर स्थित रामलीला मैदान के विशाल प्रांगण में हुआ कई दिन चलने वाले इस समारोह में प्रमुख बात ये रही कि प्रतिदिन … Read More